मैं आज तुझे तुझसे रुबरु करवाती हूं
चल आज तुझे तेरी खामियां गिनवाती हूं
यूँ जो तू हर बार झूठ बोलकर मुझसे अपनी बात मनवा लिया करता था ,
सच तो यह है के तू खुदको मेरी नजरो में गिरा लिया करता था।
और तुझे लगता है मैं तेरे झूठ को सच मान जाती हूं
चल आज तुझे तेरी खामियां गिनवाती हूं,
याद है मुझे वो दिन जब तूने मुझसे कह दिया था के अब पहले जैसा कुछ नहीं हो सकता,
उस दिन तेरे साथ बैठी लड़की का फोटो सीधे मेरे फोन पर आया था ,
और तुझे लगता है के मैं पागल कितनी जल्दी उल्लू बन जाती हूं ।
चल आज मैं तुझे तेरी खामियां गिनवाती हूं ,
मुझसे जिंदगी में साथ निभाने का वादा कर बड़ी आसानी से वादे तोड़ दिए
तू वही है ना जिसने अपना दर्द मिटाने के लिए किसी गैर से रिश्ते जोड़ लिए।
इतना सब होने के बाद भी मैं तेरी खुशी के आगे झुक जाती थी।
चल आज मैं तुझे तेरी खामियां गिनवाती हूं,
ईमानदारी से निभाना नहीं था प्यार तो करने की क्या जरूरत थी,
सच ही बोल देता अलग होने के लिए झूठ बोलने की क्या जरूरत थी।
तू वही है ना जो सबसे कहता फिरता था के मैं तुझपर हर बात पर शक कर जाती हूं ।
चल आज तुझे तुझसे रुबरु करवाती हूं,
चल आज तुझे तेरी खामियां गिनवाती हूं।
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