क्यू तुम ढूंढते हो मुझे सब मे ,
मुझे मुझमे ढूंढ़ो ना !
क्यू मेरी बुराइया ढूंढते हो हर वक्त
कभी तो मेरी अछाइया ढूंढो ना !
यू टूट कर चाहने लगा हु मैं तुम्हें
कभी तो तुम मुझे , मुझसा चाहो ना !
हर वक्त याद बस तुम्हें करता हु मैं
कभी तो याद मुझे तुम मुझसा करो ना !
क्यू तुम मेरी तरिफे करती हो सब मे
कभी तो मेरी तारीफ मेरे पास करो ना !
पागल तो हो ही चुका हु मैं तुम बिन ,
कभी तुम भी तो होकर देखो ना !
इस रेोेेशन भरे दुनिया मे अकेले हो चुका हु मैं
कभी तो तुम मेरी परछाई बनो ना !!
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