सुन ले भाई तू सुन ले, पास वाले तेरे सारे फर्जी है,
दुआ सलाम सारे मुंह पे, पीठ पीछे सारे जाली है।
देख तरीके हजार है, रिवाल्वर रख सर पे,
तेरी बात पे हामी भरेंगे, नाचने को बोल भांगड़ा भी करेंगे।
लालच की आदत बुरी है, नेताओं की गर्मी सर पर चढ़ी है,
पब्लिक कब तक चुप रहेगी, सुधरोगे नहीं तो दंगा भी करेगी।
गाने की बीट पे समझेगी पब्लिक, अपना हर तरीका अलग है,
लफ्ज़ों से खेल को खेलेंगे अब, इस खेल को पहले भी खेला है।
ये जो बाउंड्री पड़ी है, सेंचुरी पर बल्ला खड़ा किया है,
सुन ले भाई ये गेम अपना है, सारे शहर को ख़बर है पता है।
बारे में मेरे न्यूज़ भी दिखेगा, अपन अच्छा लिखते है,
तो बप्पा रुक न सबमें बटेगा, तुझको पता क्या तुझको खबर है।
मेरे को लिखने से पहले पढ़ना पड़ा, जो राज़ कर उनको फर्रा मिला,
जिंदगी फरेब करके तो कट जाएगी, लेकिन इसमें इज्जत कहां।
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