QUOTES ON #RESPECTPARENTS

#respectparents quotes

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8 OCT 2021 AT 13:47

बड़ा बनो बहुत अच्छी बात है..
पर उनके सामने नही जिसने .
आपको बड़ा किया हो❣️❣️

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17 MAR 2021 AT 14:39

Why we always spoke to girls that you are unsafe outside instead of telling to boys that you are making girl unsafe outside. So, parents of boys is make sure their sons grow up with respect to girls and women.

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25 OCT 2017 AT 17:47

-What is Love?
-Love is what we do to our Parents!
When they cry,
They are sad,
They are hurt,
We feel the pain..
When someone hurts them,
We feel enraged,
And can't forgive them ever.
When we hurt them..we don't put ego between us to apologise because we love them,
We can't think of life without them,
No one can ever replace them.
That's what Love is!
And if you put ego between you both and still say that you love them, then my dear I am sorry..but you don't love them!

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12 OCT 2019 AT 18:17

सहम जाता था एक आवाज़ में बेटा जिसका,
आज उस बाप का सहमा लहज़ा बताता है
"बेटा बड़ा हो गया"

سہم جاتا تھا ایک آواز میں بیٹا جسکا،
آج اس باپ کا سہما لھذا بتاتا ہے
"بیٹا بڑا ہو گیا"

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13 MAY 2022 AT 11:33

"" अगर मेरे किसी फैसले पे ....
दुनिया मेरे खिलाफ है....
और मां बाप मेरे साथ है ना ...
तो मुझे दुनिया की कोई परवाह नहीं हैं...
क्योंकि सबसे बड़ी ताकत मेरे साथ खड़ी है"" ....

— % &

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20 JAN 2021 AT 14:58


तेरा क्यों कभी कोई इतवार नहीं होता,
जाड़ा,गर्मी,बरसात,धूप या हो फिर छाँव,
तुझ पर क्या कोई असरदार नहीं होता।
ऐ माँ, सुन ना,आज तू सच-सच बता न,
तेरा क्यों कभी कोई इतवार नहीं होता।

उठती तू सबसे जल्दी, सोती क्यों देर से,
सबको खिलाती पहले खुद खाती देर से।
सब रूठते हैं तुझसे,तू न रूठती किसी से,
तेरा हाथ सबके सरपे,तेरे पे न कोई होता,
ऐ माँ सुन ना, आज तू सच-सच बता न,
तेरा क्यों कभी कोई इतवार नहीं होता।

सब थक जाते हैं चलके,तू क्यों न थकती,
सब कहतें नींद आ रही तू क्यों न कहती,
सब कहते मुझे उठा देना,तू कैसे उठ जाती,
सबको खिलाकर ,तू भूखी क्यों सो जाती।
ऐ माँ सुन ना, आज तू सच-सच बता न,
तेरा क्यों कभी कोई इतवार नहीं होता।

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26 JUL 2019 AT 13:38

कोसती है
वो "मां"अपनी जिंदगी को
और कहती है-
तुम तो चले गए
कर गए मुझे अधूरी
जन्मा था जिसे
बुढ़ापे का सहारा बनाकर
वो तो कर रहा
अपनी महबूबा की मजदूरी
भूल जाती हूं ये आंखें
तुझे याद करके नम हुई
या देखकर मेरी मजबूरी..

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22 APR 2020 AT 18:26

जब मैं छोटा बच्चा था
मेरी हाथो बहन की खून लगी
बेहेन को पूछा क्या हुवा तुम्हे
वो शर्म के मारे रोने लगी
मुझे बहुत जिज्ञासा हुवी
क्यों वो इतना रोने लगी

जिसको मैं एक तपड्ड भी मारू अगर
तोह मम्मी मुझे दो मार देती
तोह आज उस खून को देख क्यों कुछ नहीं करती
और उल्टा मुझे उससे दूर होने को कहती

अन्दर ही अन्दर मैं बौरा गया
यह कोनसा पाबन्दी लगायी है
दर्द मेरी बहन को हुवी
तोह मुझे उस से दुर् करने की
यह कोनसा नई तरकीब
इन्होंने लगाई है
मै भी सोचु, उसने तोह सारे होम वर्क भी की थी
उसने न उस दिन कुछ गलत किया
फिर भी मम्मी ने क्यों उसे सजा दिया

कुछ देर बाद जब मैं रोने लगा
खून खून चिलाने लगा तब जाके
मुझे मम्मी ने समझाया था
जो पाठ टीचर ने 8वी में नहीं पढ़ाया था
उस्सको घरवालो ने बिना स्कीप किये
बहुत अच्छे से मुझे बतलाया था
मानव शरीर की भव्य प्राकृतिक प्रक्रिया के बारे
में मैंने पहली बार ज्ञान पाया था

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2 MAY 2020 AT 10:49

बुढ़ापा में अपने भी पराए हो जाते हैं ।
बुढ़ापा की जिंदगी साहब बहुत कष्टदायक हो जाते है।
सारी उम्र अपने बच्चों की खुशी में निकाल दिये।
जब बुढ़ापा आया तो अब हम भी खुश होंगे ये उम्मीद हमें भी थी ।
तो बच्चों ने घर से ही निकाल दीया ।
💓 Every one please respect your parents 🙏🙏🙏💓

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27 JUN 2020 AT 9:31

HUMAN A PACKAGE OF ATTRIBUTES
Be the world of your parents
Be the hearts of your little one's
Be the ego of your struggled and succeed life
Be the owner of your own world
Be the personality of good behaviour, and attire
Be the satisfaction for what you have
Be the motive of every good work and talk
Be the mystery for beginning a useful work.

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