अगर शिकवा, गिला हद से ज्यादा तो बताना मुझे
अगर मोहब्बत बे इंतेहा हो तो बताना मुझे।
बारिशों के मौसम में अक्सर सफ़र करता नहीं कोई,
अगर यादें सताएं मेरी , तो बताना मुझे।
वैसे तो गहरे जख्मों पे मरहम यहां लगाता नहीं कोई ,
जो दर्द हद से गुजरने लगे तो बताना मुझे।
वैसे तो मैं हर पल मिठास दिखाती नहीं,
जो नफ़रत ज़द्दो ज़हद वाली करनी हो तो बताना मुझे।
इश्क़ के दर्मिया ,जो कुछ गलतियां हुई,
उन गलतियां को तुम , सिर्फ बताना मुझे।
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