QUOTES ON #RAJ

#raj quotes

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9 JAN 2021 AT 19:13

पहले मुझे इश्क का रहनुमा बताया गया,
फिर बिना वजह कटघरे में ले जाया गया।
शायद मोहब्बत की तहरीर में कुछ कमी रह गई थी 'राज'
शूली पर लटकाकर तूझे,गवाह तेरी मोहब्बत को बनाया गया।

-rajdhar dubey

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13 JAN 2021 AT 19:56

ना थोड़ा कम ना थोड़ा ज्यादा किया जाए,
जितना हूं मुझे उतना ही रहने दिया जाए।
तस्वीरें मुसलसल सवाल पूछा करती हैं मेरी,
बताओ 'राज' अब तुम्हारे साथ क्या किया जाए।

-rajdhar dubey

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5 JAN 2021 AT 19:04

दिल जलाया है तो चिता भी जला देना
कफ़न ना मिले तो दुपट्टा ओढ़ा देना,
कोई पूछे कि क्या हो गया था तो मुहब्बत बता देना।

-rajdhar dubey

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27 DEC 2020 AT 9:05

हिस्सा नहीं बनना है मुझे इन गद्दारों की कहानी का,
रूह रहकर भी क्या करेगी जब तक खून ना उबले जवानी का।
रूह तड़पती होगी उन वीर भक्त अभिमानी का
जो लिए तिरंगा डटे रहे इस देश के स्वाभिमानी का।

-rajdhar dubey

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22 DEC 2020 AT 15:30

तुझको लिखकर खुदको मिटाने लगा,
देखा पहली दफा और पन्नों पर उतारने लगा।
किस्से सरेआम होने लगे हमारी मोहब्बत के,
तुमको छुपाकर खुदको बदनाम करने लगा ।

-rajdhar dubey

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25 JAN 2021 AT 11:44

कुछ लोग खुद का हिसाब तो कुछ बेहिसाब रखते हैं
कल का तो पता नहीं, लेकिन हम अपना आज लाजवाब रखते हैं।

पंछियां दाना चुगने लगी हैं अपने घोंसलों से निकलकर
हम आज भी दाने से भरा कटोरा अपने छत पे रखा करते हैं।

जिंदगी गुजर जाएगी एक पल में सामने से तेरे
इसलिए हर एक पल को हम अपना बनाए रखते हैं।

जंग लग जाती है रिश्तों में अगर किसी का साथ ना हो
यह सोचकर हम अपना रिश्ता हमेशा बनाए रखते हैं।

खैर इस जिंदगी से अब क्या शिकवा और क्या गिला
जब हम अपनी ही कहानी को हमेशा राज बनाए रखते हैं।

अब तो लोग पता करने लगे हैं 'राज' कहानी का तेरे
और यह राज हम आज भी उनसे छुपाए रखते हैं।

-rajdhar dubey

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31 DEC 2020 AT 9:23

श्रृंगार तेरा यूं बढ़ने लगा है गलियों में तेरी मुझको यूं आता जाता देख कर,
किनारे बहुत है समंदर के फिर भी मैं डूबा न जाऊं तुम्हें देखकर,
देखूं ख्वाब तेरा तेरी बाहों में सोकर ये टूटे कभी ना तुम्हें देखकर...
श्रृंगार तेरा यूं बढ़ने लगा है.....
दामन तेरा ये छूटे कभी ना-2
छूटे अगर कभी तो मैं मर जाऊंगा यूं तुम्हें सोचकर,
चाहत मेरी अब बढ़ने लगी है ख्वाबों में तेरा यूं आता जाता देख कर,
लौटू अगर मैं मंजिल से अपनी पनाह तुम देना अपनी बाहों में लेकर,
श्रृंगार तेरा यूं बढ़ने लगा है गलियों में तेरी....
आवाज दे अगर कोई मैं सुनूं कभी ना तुम्हें देखकर
ख्वाहिश मेरी अब अंतिम यही है मैं मर जाऊं तेरी बाहों में सोकर,
श्रृंगार तेरा बढ़ने लगा है गलियों में तेरी मुझको यूं आता जाता देख कर....

-rajdhar dubey

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21 DEC 2020 AT 9:28

उन्होंने लिखा और तुझे सरेआम कर दिया,
सबने पढ़ा और तुझे बदनाम कर दिया ।
बाजार में बिकने लगी किताब तेरे नाम की,
हमने खरीदा और उसे अपना नाम दे दिया ।

-rajdhar dubey

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17 MAY 2021 AT 17:26

कुछ खाली तो कुछ भरा सा हूं,जितना भी हूं उतना खरा सा हूं।
तकलीफों में अक्सर याद किया करते हैं लोग,
कभी दरिया में बहता पानी तो कभी बहती हवाओं सा हूं।

-rajdhar dubey

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13 MAY 2021 AT 11:39

खैरियत में दुआ नहीं मिलती,
मांगने से हुकूक नहीं मिलती,
लोग कहते हैं इश्क एक बीमारी है,
तो मेडिकल स्टोर पर इसकी दवा क्यों नहीं मिलती।

-rajdhar dubey

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