गीले बालो में,
भवों को ऊपर उठाके,
जब तू हल्का हल्का सा मुस्कुराती है ,
तब ज़िन्दगी हँसी बन जाती है |
कोमल उंगलियों को,
मेरे सर पे रखके,
जब तू हलके हलके से घुमाती है,
तब ज़िन्दगी खुशी बन जाती है |
नर्म होठो को,
मेरे होठो पे रखके,
जब तू हल्का हल्का सा शरमाती है,
तब ज़िन्दगी नशा बन जाती है |
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