NYCTOPHILIA🌚 19 APR 2020 AT 18:08 पतझड़ का मौसम है,पेड़ों से पत्ते गिरनातो कुदरती है,मग़र.....इन इन्सानों का क्या.. ?जो बेमौसम नज़रों सेगिरे जा रहे हैं।। - CA Priya Patel 8 APR 2020 AT 0:07 दिल के शहर में हर एक मौसम बदले हैं जनाब,चाहे वो इश्क़ की बारिश हो या अफसोस की पतझड़ । - Aman srivastava 28 JUN 2019 AT 12:42 इश्क में इस तरह बर्बाद हुआ...कि बारिश में भी बंजर देखता हूँ...ग्रीष्म, शर्द, और बसंत की बात छोडो...मैं तो सावन में भी पतझड़ देखता हूँ... - Aman srivastava 20 MAY 2019 AT 22:13 वसंत, ग्रीष्म, शरद...ऋतुएँ होंगी आपके लिए... मैं तो अब सिर्फ... पतझऱ देखता हूंँ... वो कहती थी... मेरी मोहब्बत सच्ची नहीं... तो अब भी मैं उसे...क्यों मुड़ कर देखता हूंँ...?? - Suman raj (blue) 18 JAN 2021 AT 17:46 पतझड़ में गिराए थे जिसने, पत्ते अपने झोकों से...!वही हवाएं अब बसंत में, साथ निभाने लग गए हैं...!! - Bhaijaan 27 JUL 2020 AT 9:33 ज़िंदगी मौसम ए पतझड़ सी हो गई है कोई तो आए मौसम ए बहार लेकर !! - Ash 22 DEC 2021 AT 18:53 बैठे मदहोश होके सावन के इंतज़ार मेंकमबख्त,सावन से पहले देखो पतझड़ है आ गया - Mahesh Singh Rajput 24 JUL 2020 AT 19:05 Tere yaad me ham aise rahte hai...Patjhad me jaise darkhat rahte hai.... - پراسرار روح 11 MAR 2020 AT 14:03 Aaj Kitaab-ê-Zindagi ke kuch purane Warqon ko palatkar dekha... Patjhadh hi Patjhadh tha....Matlab ßå$@ñt kareeb hi hai...!! - Kiran Tandan 27 MAY 2020 AT 18:06 Kittu -