इस भाग दौड़ की ज़िन्दगी से हटकर
कभी दो पल सुकून से जीने का दिल करता है
कभी यूँ ही चलते हुए इन रस्तो पर
तेरी कही कुछ बातें गुनगुनाने का दिल करता है
कुछ वक्त पहले जो पल साथ गुज़ारे थे
उन पलो मे वापस जाने का दिल करता है
फिर से बेवजह कुछ बेतुकी बातें कर
बस तेरे साथ मुस्कुराने का दिल करता है
तेरी बातों मे, तेरी इस मुस्कराहट मे,
आैर तेरी इन यादों मे
बस कही गुम हो जाने का दिल करता है...
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