क्यो आस लगाये हो, प्यार में देवदास बनके,
दिल अपने ही तोड़, जाते है खास बनके,
बात मान भूल जा, उसे प्यार में,
ये मोहब्बत तुम्हे, जीने ना देगा संसार में,
मिलेगी तन्हाई तो खुद को सताओगे,
जहर जुदाई का पी नही पाओगे,
दिल जब टूटेगा तो, तुम भी टुट जाओगे,
मेरी बात को मान लो, वरना पछताओगे,
इश्क का अनुभव, हमने भी किया है प्यार में
माँ-बाप से बड़ा प्रेमी, ना कोई संसार में,
झुक जाओ चरणो मे उनके, मालामाल हो जाओगे,
वरना लड़की के चक्कर में पड़ के, बाबू कंगाल हो जाओगे।
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