QUOTES ON #MERIKALAMSE

#merikalamse quotes

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19 SEP 2019 AT 14:12

जिस सफ़र पर हम निकले हैं, इसको हम ही ने चुना हैं।

जिंदगी जीना आसान होता है, ये बात कही नहीं सुना हैं।

मैं कैसे हार जाऊं इन तकलीफों के आगे,

मेरी तरक्की की आस में, मेरी मां ने हर मंदिर में घुटने टेका हैं।

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3 JAN 2019 AT 3:19

अपने ही लिए हम दोनों आंसुओं का समंदर तैयार कर रहे हैं
आज जो हमसफ़र है वो कल रास्ते अलग होने का इंतजार कर रहे हैं
वाकिफ हैं इस बात से कभी एक - दूजे के हो नहीं सकते
मगर फिर भी सबसे ज्यादा एक - दूसरे को प्यार कर रहें हैं...

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17 AUG 2020 AT 14:18

कैसे उड़ते है परिंदे आसमानों में,
इंसान तो चलते हुए भी गिर जाते है

होठों पे जिसके शहद सी बातें,
वो पीठ पीछे जहर उगल जाते है

है अजीब खिलौना बनाया ऊपरवाले ने भी,
जो खुदा की भी कीमत लगा जाते है

ना ईमान की परवाह ना ही रूह की कद्र,
वो तो सिर्फ जिस्म की एहमियत करके जाते है

देखते नहीं अपने गिरेबान में कभी,
वो दूसरों को आइना दिखा जाते है

है यही शकल आदम की 'तरपल',
जो अपने मतलब के लिए मोहब्बत को भी बेच जाते है
© तरपल

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12 MAR 2019 AT 21:53

सपनो की बर्बादी लिखी थी हमने रातभर,
आज भी काग़ज़ों की सीलन गयी नहीं.....

© - तरपल
2 Feb 2019

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31 MAR 2020 AT 14:44

बे- रंग मौसम भी पसंद आयेगा।
तेरा दिया गम भी पसंद आयेगा।
चाह ज़्यादा की कभी की ही नहीं..
इश्क़ तेरा कम भी पसंद आयेगा।
✍️राधा_राठौर♂

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26 JAN 2020 AT 10:46

तू उम्मीद हार चुका है, इस बात में तेरी कोई शान नहीं है।

मां-बाप के बिना, कितनी भी लम्बी ऊंचाईयों का कोई मान नहीं है।

कुछ कर इन टूटते हुए ख्वाबों को सच करने के लिए,

क्योंकि अब ये सवाल सिर्फ तेरा नहीं, तेरे मा-बाप के सम्मान की है।

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17 OCT 2018 AT 16:25

.....Where is humanity....

I Rhymester a normal guy request our government..
Change the rule if you want to stop this harassment..
If the rapist get caught then what kind of enquiry..
Just kill them on the spot to clean the future diary..

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मैं कवियत्री हूँ प्रेम की,
मुझे जीवन भर बस प्रीत चाहिए !

जो रह जाय थोड़ा बहुत सा,
तो मुझे मेरी मृत्यु प्रेममयी चाहिए !

कि दम टूटे जब मेरा,
अंतिम साँस पिया की बाहों में चाहिए !

सुर्ख लाल सजे अर्थी मेरी,
मुझे मेरी मौत सुहागन वाली चाहिए !

रह जाय जो कुछ और बचा,
तो मेरे दाह संस्कार के बाद !

मुझे मेरी अस्तित्व की राख,
विसर्जित प्रेम घाट बनारस में चाहिए !!

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22 APR 2020 AT 13:45

इस जिंदगी की दौड़ में, कम्बख्त बहुत ठोकरें खायी है

कभी सपनों से, तो कभी अपनों से तकलीफें पायी है

थक गया हूं, मगर फिर भी चलता जाउंगा

क्योंकि मेरी मां ने मेरी success के पीछे अपनी हंसी छिपायी है।

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16 JUN 2019 AT 12:21

आज ठोकर लगी तो तु रुक गया, क्या यही तक चलना था तुझे,

हार कर अपनी जिंदगी से, क्या यही तक लड़ना था तुझे,

नहीं। तू खुद को देख, तेरे सपने कहीं बड़े है इन ठोकरों से,

तेरे सपने तेरे होंगे, बस इन ठोकरों को ठोकर मार कर, तू छीन ले अपने सपने इनसे।

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