हर सुबह एक आवाज सुनाए देती है ... चूर-चूर करके मेरे पास से गुजराती है ! वो शक्श हरोज़ निकलता है ... अपने सपनों का भार लिए रास्तों पर निकल पड़ता है ! उन्हें देखने से बस इतना पता चलता है ... काफ़ी उमर गुजारी होगी उन्होंने ये साइकिल पे !
मंज़िल कहती है..... चलते रहो, चलते रहो मगर कभी रुको नहीं पीछे कभी मुड़ो नहीं हाँ,अगर कभी थक जाओ तो थोड़ा धैर्य रखो और अपने सपनों को सोचो क्योंकि..... ये वक्त ही तो जो हर रोज़ बदलेगा और आज जो ' बुरा वक्त' है, कल ' अच्छे वक्त' में बदल जाएगा। 😇
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Fetching #mehnat Quotes
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