QUOTES ON #MAZHAB

#mazhab quotes

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12 NOV 2018 AT 13:49

अगर कोई पूछे मुझसे मेरा मज़हब,
तो मैं अपनी नज़्म सुना देती हूं

अल्फ़ाज़ ही है मेरा खुदा,
उनको ही सजदे में मैं पढ़ देती हूं

है कई रंग इस बाज़ार में,
मैं सियाही को अपना धर्म बता देती हूं

सुनी ना किसीने जो फरियाद,
वो मन्नत काग़ज़ों पे उतार देती हूं

चढ़ा कर चादर चन लफ्ज़ों की,
अपनी दुआओं को पाक बना देती हूं

ना मंज़ूर हुई मेरी ख्वाहिशें तो क्या,
अपनी आरजू का काग़ज़ों पे मंदिर बना देती हूं
©Devika parekh

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2 JUL 2019 AT 12:29

She was perfect for me.
I was perfect for her.
Just the difference was her
Assalamu alaikum and my Namastey.

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7 OCT 2019 AT 16:13

अपनी मोहब्बत की दास्तां मैं किससे बयाँ करू,
बात दो खुदा (मज़हब) की है..
अब किस खुदा की शिकायत किस खुदा से करू।।

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4 DEC 2019 AT 22:32

इबादत से ज़्यादा हिफाज़त पर यकीं करती हूँ,
मन्नतों से ज़्यादा हसरतों पर यकीं करती हूँ।।
कुछ यूँ गुम हो गई हूँ इस इश्क़ के पैगाम में की
अब मज़हब से ज़्यादा मोहब्बत पर यकीं करती हूँ।।

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15 APR 2019 AT 9:12

तुम नाम कि बात करते हो
लोग तो रंगों में भी मजहब ढूंढ लेते है
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गाय को हिन्दू तो बकरी को मुस्लिम बोल देते हैं
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लोगो ने सिर्फ इंसानो को ही नहीं बल्कि ब्रह्माण्ड़ को भी बांटा है
सूरज को हिन्दू तो चाँद को मुस्लिम माना है

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14 JAN 2022 AT 23:44

एक ईश्वर मानने वाले धर्मों की अपेक्षा अनेक देवता मानने वाले धर्म हज़ार गुना उदार रहे हैं। उनके ईश्वरों की संख्या अपरिमित होने से औरों का भी समावेश आसानी से हो सकता था किंतु एक ईश्वरवादी वैसे करके अपने अकेले ईश्वर की हस्ती को ख़तरे में नहीं डाल सकते थे।

आप दुनिया के एक ईश्वरवादी धर्मों के पिछले दो हज़ार वर्षों के इतिहास को देख डालिए, मालूम होगा कि वह सभ्यता, कला, विद्या, विचार-स्वातन्त्र्य और स्वयं मनुष्यों के प्राणों के सबसे बड़े दुश्मन रहे हैं।

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13 JAN 2020 AT 16:04

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Harr taraf ek khouf hai, dehshat si hai,
Mere mulk ki hawa mein nafrat si hai.

Har shaks phasa hain yahaan shatranj ke jaal mein,
Marta hain kaun dekho abb agli Chaal mein.

Samajhte the log jisko muhaafiz hai ye humara,
Darne lage hain unse hogaye hain be-sahaara.




Marti hui haalat mein koi shaqs jo milega,
Poochheinge woh ki bolo mazhab hai kyaa tumhaara ?

Ranjish ki mulk me jo aag lag gayi hai,
Iski tapish se har ek kali jhulas gayi hai.

Behtaa hai lahoo jaise paani sa ho gaya hai.
Rang mulk ki zamee'n ka ab surkh ho gaya hai.
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7 JUL 2017 AT 23:28

#Khayal

Baarish me sabke kapde ek barabar gile huye,
Shukar hai bhundo ka koi mazhab nhi hota.

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15 JAN 2022 AT 14:53

यह मानव जगत प्रतिक्षण परिवर्तित हो रहा है। ऐसी स्थिति में स्थिरतावादी धर्म हमारे कभी सहायक नहीं हो सकते। हमारी समस्याओं को और उलझाना, प्रगति विरोधियों का साथ देना ही धर्मों का एकमात्र उद्देश्य रह गया है।

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20 JUL 2019 AT 17:17

Itna aasaan nahi hai iss desh ko kisi ek ka kehna

Azaadi ke liye wo khoon kisi ek mazhab se nhi the

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