तेरे झुमके संग , मेरा दिल भी झूल रहा है ।
लेकिन अच्छा है , इसी बहाने तेरे गालों को चूम रहा है ।
तेरी पाजेब के साथ , मेरी धड़कन भी थिरकती है।
लेकिन इसी बहाने , मेरी सांसे तो चल रही है ।
तेरे नाक़ की नथनी , जो तुम्हारे नखरे उठा रही है ।
लेकिन इसी तरीके से , मेरी ख्वाहिशें जता रही है ।
तेरा मंगलसूत्र , जो गले लग शोभा दे रही है ।
लेकिन अच्छा है , तुझे मेरा हमसफ़र बता रही है ।
तेरे नगीने वाली अंगूठी , मेरे आंखों में चमक ला रही है ।
लेकिन , मेरे जीवन के हर लम्हे को दमका रही है ।
तेरी चूड़ियां , जो कलाइयों को थामे हुए है ।
लेकिन अच्छा है , मेरे जीवन को खनका रही है ।
तेरी बिछिया , जो क़दमों को चूम रही है ।
अच्छा है मेरे दिल-ओ-जहां , में दस्तक दे रही है ।
तेरी मेंहदी , जो हथेली को मेहका रही है ।
लेकिन मेरे ज़िंदगी को , प्यार के रंग से सजा रही है ।
तेरी ओढ़नी , चांद से मुखड़े को सजा रही है ।
लेकिन अच्छा है , लोगों कि नज़र से बचा रही है ।
तेरा सिंदूर , जो तुझे और भी मोहक बना रहा है ।
लेकिन अच्छा है , तुझपे मेरा ही हक बताता है ।
-anuradha sharma
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