दिनों दिन खुद से अलग होती जा रही हूँ
जाने किस दुख से गुज़र रही हूँ
जो दिखाई नही देता बस अंदर ही अंदर
दम तोड़ रहा है
अपनो ने यूँ मुँह फेरा की जैसे वो अपने
कभी थे ही नही
गैरो ने ऐसे हाथ थामा की कभी अकेला
महसूस किया ही नही
जाने फिर भी दिल क्यों अपनो के लिए
हर वक़्त तड़पता है
जाने क्यों ये दिल हर वक़्त प्यार के लिए
तरसता है
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