Sumit Mandhana दी घायल शायर 26 MAY 2019 AT 15:31 मैं जब भी उसकी गली से गुजरतावह चुपके से मुझे देखती थी,दरवाजे पर कभी सामने ना आ करवातायन से छुप के देखती थी।कभी देखती थी नजरें झुका कर कभी पलकों के चिलमन से देखती थी,कभी देखती थी अपने घर से कभी पड़ोसी के घर से देखती थी।कवि सुमित मानधना 'गौरव' - Nishant Sachdeva 18 JUN 2021 AT 18:07 ये किसने खोल दी है खिड़की, मेरे खतों को भिगो रही है तुम आज फिर से रो रही हो क्या, बाहर बरसात बहुत तेज हो रही है - Aman srivastava 10 FEB 2019 AT 17:12 एक अरसे बाद दिल के दरवाजे पर..... दस्तक दीया है किसी ने ....खिड़की से झांँक रहा हूंँ उसे जानने को... पर बहुत शिद्दत से चेहरा छुपाया है उसने... - Ajit Rai 6 JAN 2021 AT 6:59 रात थी जब तुम्हारा शहर आया,फिर भी खिड़की तो मैंने खोल ही ली..Tum Na Aayi Tumhra Shahar Aaya,Khidaki To khula hi tha Dil V Khol Li...❣️ - Bunny 26 MAY 2020 AT 10:56 भूल गया ईद पर चाँद देखना तब,बे-पाक नजर पङी झरोखो जब। - Jagrati Verma 13 MAR 2020 AT 21:52 नज़र का कुसूर नहीं, मेरा नजरियाँ झूठा थाशक्ल बेशक बेदाग थी, वो तो आइना टूटा था - Aparna अतरंगी 1 DEC 2018 AT 21:31 कहाँ जाएँ और किससे माँगें,हमारी ख्वाहिशें बस चंद हैं,दिल में उठी दीद की हसरत, ( पर हाय मेरी किस्मत !!!! )उनके घर की खिड़कियाँ बंद हैं....... - Parvez Sheikh 2 AUG 2020 AT 22:00 ये "ज़ख़्म- ए -मोहब्बत" को "समझने" के लिए कोई "हम-जैसा" चाहिए मैं "बदनाम" हूँ सारे "जहाँ" में पर "तुम्हें" भी तो "खिड़कियों" से देखना चाहिए - Faza Saaz 7 APR 2022 AT 17:26 मेरे कमरे की खिड़की से झाँक रहा है, चुपके से, वो उदास सा चाँद, मगर वो शिकायत नहीं करता मुझ से, कि मैंने उससे मिलना क्यों छोड़ रक्खा है। - Harsh Jain 20 AUG 2020 AT 10:27 तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रास्तेतुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हमने -