वो चांद के जैसी है जिसे खुदा ने चांदनी के लिए बनाया हो वो इन्द्रधनुष के जैसी है जिसे खुदा ने खुशियां लूटाने के लिए बनाया हो वो ताजमहल के जैसी है जिसे खुदा ने मोहब्बत के लिए बनाया हो वो धड़कन के जैसी है जिसे खुदा ने मेरे दिल 💓के लिए बनाया हो
करीब इतना आऊँ ,कि तेरी सांसे भी इतराए हमसे जो गुजरूं शहर से तुम्हारे ,हवाएँ नजरें चुराए हमसे ये जो वक्त का सिलसिला चल रहा है ,कैसे शुक्रिया करूँ इनका सजदे में जब सर झुकाएं साथ तुम्हारे ,खुदा भी जल जाए हमसे
तेरी एक तस्वीर है मेरे पास दिल के कबाड में छुपा रखा है तेरे यादों का ताला भी लगा रखा है चाभी लगा के दिल ❤️ खोलने आओ ना उस तस्वीर के अक्स से बात करके मैं कई रात गुजार लेता हूं
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