QUOTES ON #JUHIMISHRA

#juhimishra quotes

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28 NOV 2020 AT 14:41

समझ के भी अनजान बनना पड़ता है
जालिम दुनिया को देखकर , सीने में आग और होठों पे मुस्कान रखना पड़ता है।

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18 JUN 2018 AT 11:34

I love💘 his personality😎
He loves💓 my nature😊

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18 JUN 2018 AT 13:58

I love his smile that always remain on his face....
But he love my obstinateness that he always create in me....

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2 OCT 2020 AT 10:27

क्यों अपनों में ही अपनों का जान बसा होता है
क्यों अपनों का जख्म इतना गहरा होता है
क्यों समय इतना जुलुम ढा रहा है
क्यों इतनी जल्दी बीता जा रहा है
कोई अपना होता तब यह समय जान पाता
अपनों का बिछड़ जाना क्या होता है
क्यों यह समय इतना जुल्मी है
जो बीत जाता है और कभी याद भी दिलाता है

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25 SEP 2020 AT 9:32

लोग दिखावे के लिए ही सब कुछ करते हैं
जाती तो बस एक बहाना है
यहां तो लोग बस पैसे पर ही मरते हैं
जाति को बस एक मुद्दा बनाकर है
हमें अपने ही तो लड़ाते हैं
आश्चर्य होता है जानकार
कि हमें अपने ही ठग कर जाते हैं

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7 OCT 2020 AT 14:31

जुल्म सहकर भी लोग मदहोश बैठे हैं
ना जाने क्यों देख कर भी खामोश बैठे है
क्यों ऐसा लग रहा है कि सब बेहोश बैठे हैं
इंसाफ के लिए भी गुजारिश किए जा रहे हैं
बेगुनाहों को सजा दिए जा रहे हैं
बेगुनाह ना होकर भी वह अपने सर झुका रहे हैं
अपने हक को पाने के लिए मिन्नते लगा रहे हैं
फिर भी यह निष्ठुर लोग उनको ठेंगा दिखा रहे हैं
आवाज उठेगी नहीं उनकी वह सर झुकाए खड़े हैं
और गुनहगार नहीं है वह फिर भी मुंह छुपाए खड़े हैं
अपनी जखम को वह दिखाना चाहते है
मगर अपने गुरूर के मद में चूर लोग
उनके जख्म को छुपाए खड़े हैं

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21 JUL 2020 AT 17:13

इन आंखों ने देखा है मुस्कुराते चेहरे को रोते हुए रातों में...
टूटते सपनों को बिगड़ते हालातों में....

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6 AUG 2020 AT 15:55

खामोशियों में बयां करते हो तुम अपनी मोहब्बत को...
तुम्हारी मोहब्बत लफ़्ज़ों तक कहां आती है.....
और छुपा के रखते हो तुम इसे आंखों में.....

और इजहार करना तुम जरूरी नहीं समझते....
छुपाते हो अपने दिल की सारी राज आंखों में.....
जिन आंखों को मैं पढ़ भी नहीं पाती हूं.....

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30 SEP 2020 AT 16:25

राह से भटका बेचारा हूं मैं
कब तक मेरा साथ निभाओगी
सच्चाई के साथ खड़ा हूं
बहुत कठिन रास्ते पर चल रहा हूं
क्या तुम मेरा साथ दे पाओगी
बाबरा हूं मैं खुद की सुनता हूं
क्या तुम बावड़ी बनकर रह पाओगी
बहुत सवाल है मेरे अंदर
तुम मेरे सारे सवालों को सुन पाओगी
और मेरे विचार अलग है तुमसे
क्या मेरे विचारों का समर्थन तुम कर पाओगी
अगर मुझ पर झूठा इल्जाम लगाया जाए
तो क्या तुम उस इल्जाम को गलत साबित कर पाओगी
सोच लो तुम सफर आसान नहीं होगा
क्या तुम सफर की आखिरी पल तक मेरे साथ चल पाओगी

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25 SEP 2020 AT 9:10

भटके हो रहा से क्या
या अपनों का प्रहार हुआ है
सपने टूटे हैं तुम्हारे क्या
या अपनों का परित्याग हुआ है

कोई रुठा है तुमसे क्या
या किस्मत ने नया चाल चला है
इतने मौन क्यों हो खड़े क्या
जो तुमने देखे है उसने तुम्हारी जुबां को मौन किया है

इतने जखम है तुम्हारे शरीर पर
किसी ने मारा है क्या
या समय का मार पड़ा है
जिसने तुमको मौन किया है

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