घंटों तस्वीरों से बातें करते हैं,
और ज़िन्दगी को दूर कर आए हैं।
तुम्हे ये चेहरा खिलता नज़र आता होगा,
और हम हैं कि खुशी का कब्र खोद आए हैं।
वापस आऊंगी ये कहकर गयी थी वो
उनके इंतज़ार में नींद कहाँ आए हैं।
ना वो आई,ना कोई संदेश उनका,
अये दिल चल,घर की ओर रुख़सत करते है।
ज़िन्दगी हुई अब परदेश,मौत है अपना देश,
जिसकी नागरिकता छुपकर हम ले आए हैं।
ना कोई पाबंदी होगी,ना कोई साज़िश,
मोहब्बत मिलेगी उतनी,जितनी होगी वाजिब।
अये दिल अब धड़कना बंद कर,
और इस कलम को विराम देते हैं।
मोहब्बत मिलेगी जहाँ तुझे भरपूर,
कुछ ऐसा देश का पता हम कर आए हैं।
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