अगर रात के अंधेरे पर तुम्हे यकीन है तो दिन के उजाले पर क्यों शक है और अगर तुम सिर्फ उसकी हो तो उस पर भी सिर्फ तुम्हारा हक है अगर उसकी बातों में सच्चाई है तो लवों पे झूठ की ये कैसी महक है और उसकी वेबफाई से कुछ तो सीख ले तू ये तेरे लिए अच्छा सबक है
गर उसकी एक खुशी के लिए तेरे सपनों का टूट जाना लाजमी है तो एक वेवफा से इतनी वफाएं जरूरी नही गर उसकी एक हंसी के लिए तेरे अश्कों को छुपाना लाजमी है तो वो एक सौदागर है ये कोई मजबूरी नही
चले गए हो तुम मुझे छोड़कर पर मुझे तेरा इंतजार आज भी है तुम तो सो रहे हो सूकुन से पर मेरे सपनो में जिक्र तेरा आज भी है और तेरी दुनिया में नाम भी नही मेरा पर मुझे तेरा ख्याल आज भी है