जो अहंकार का बीज मन में बो दोगे
फिर पाकर भी सब कुछ खो दोगे
हजारों के बीच तन्हा रह जाओगे
फिर जश्न किस बात का मनाओगे
उठो, चलो प्रहार करो
अपनी कमजोरियों पर वार करो
जीवन एक चुनौती है
सुख दुःख को ढोती है
इतना जो पथ के काटों से घबराओगे
फिर मंजिल तक कैसे पहुंच पाओगे
जो स्वप्न तुमने मन ही मन संजोया है
डरो मत, उस स्वप्न को साकार करो
उठो, चलो प्रहार करो
अपनी कमजोरियों पर वार करो ।
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