तुम हो अमृत जलधारा
मेरे जीवन का सार सारा
तुमने मुझको है पुकारा
तुमने मुझको है संवारा
तुम मिली तो मिल गया जीवन को आधार सारा..|
तू जो कह दे तो मैं कुछ भी कर जाऊं
इस रिश्ते पर मैं सब कुछ लुटाऊं
तू जो कहे जीवन भर तेरा मैं हो जाऊं
गीत तेरे ऊपर मैं लिखता चला जाऊं,
तेरे सारे सवालों का मैं जवाब बन जाऊं ...
जो कभी ना भरे मैं वो प्यार की किताब बन जाऊं...
जी है करता चला आऊं और तुझको सीने से लगाऊं
जहां गम और दर्द न मिले तुझको,
मैं वो संसार बन जाऊं ...
वज़ह जो भी तेरी खुशी की मैं वही वज़ह हर बार बन जाऊं...|
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