इश्क में दौलत सारी न लूटा देना, मम्मी पापा के अरमान खाख में न मिला देना, घर से मिले हैं पैसे सब्जी के लिए बेटा, बाजार जा कर गर्लफ्रेंड का रिचार्ज न करा देना।
है गर मोहब्बत तो छुपाना कैसा, जो नहीं है,तो फिर जताना कैसा, खुद को दोस्त कहते हो और बातें भी नहीं बताते, बातें जो दिल की है, कह दो बेवजह उसे दिल में रखकर खुद को सताना कैसा !!