QUOTES ON #HINDISHAYARI

#hindishayari quotes

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27 MAY 2020 AT 19:14

गैरो के सामने जीतने का हुनर रखने वाले
अपनो से हमेशा हार जाते है ..!!

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24 SEP 2020 AT 8:39

सबसे ख़तरनाक एक अकेला आदमी,
ना किसी से मुह छुपाना,
ना किसी को मुह दिखाना।

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5 JUN 2017 AT 22:42

आज घर पे मेहमान आये हैं,
आज फिर कुछ अच्छा खाने को मिलेगा ।




आज घर पे मेहमान आये हैं,
आज फिर एक रोटी के चार टुकड़े होंगे ।।

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7 DEC 2019 AT 8:08

उस एक मंज़िल की तलाश में हूँ,
जहाँ से कोई कारवां शुरू होता हो...!

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1 AUG 2019 AT 2:02

ज़हन का कमरा जाला जाला हो चुका है
हर पल मानो ज़हर का प्याला हो चुका है

बचपन की बस इक दो यादें आती हैं
बाकी सब कुछ काला काला हो चुका है

- बिक्रम बमराह

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19 APR 2019 AT 10:47

इधर शाम हुए अब एक जमाना हो गया
तुम तो निकलो चाँद कि तुम्हे भी अब बहाना हो गया

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17 APR 2020 AT 12:33

सपनों की दुनिया को जीतने के लिए,
काश, हमने वास्तविकता को थोड़ा पहचान लिया होता.

आसमान को छूने के अरमान लिए,
काश, हमने ज़मीन की अहमियत को पहचान लिया होता.

चूर हो गए हम इतने जीत का जश्न मनाने के लिए,
काश, हमने हार को भी कभी ध्यान से पढ़ लिया होता.

जीते थे शान से कभी जिस हंसी को मुख पे लिए,
काश, हमने आज सपनों के बोझ तले उसे आज दफ़न ना किया होता.

अरमान सजाया था जिस जीवन को शान से जीने के लिए,
उन्ही अधूरे अरमान के साथ आज मृत्युशैया पर लेटे यह सोच रहे थे ,
काश , हमने यह जीवन थोड़ा जी लिया होता।

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7 AUG 2021 AT 14:01

वक्त वक्त की बात है
कोई किसका खास नही होता
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
एक बार हो जाए मतलब
पूरा तो वो इंसान आपके
आस पास नही होता।
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️

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4 AUG 2020 AT 22:08

काश तुम भी होती....
हम तकते चाँद को साथ मे !!
चाँद आसमां मे और चाँदनी मेरे साथ होती...
कुछ मैं तुमसे तो कुछ तुम मुझसे कहती....
जाना ! तुम सोच भी रही हो !!
वो रात कितनी हसीन होती....
एक हाथ मे तेरा हाथ !!
और दूसरे हाथ मे चाय होती....
मैं सितारो की तुलना तुम्हारी नज़रो से करता !!
उफ्फ तुम भी बस ! और तुम मुझसे ये कहती....
चहरे को चाँद और हवाओं को तेरे बदन की खुशबू कहता !!
ये सब सुन कर तुम वंही शर्मा जाती....
वैसे और सब तो ठीक है !अफसोस बस यही है !!
के काश तुम मेरे पास होती....
!!!!

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14 JUL 2020 AT 23:08

हम लिखते रहे एहसासों को,
वो सिर्फ़ पढ़ते रहे अल्फ़ाज़ों को !
जो डूब चुके थे गहराइयों में,
वो समझ न सके उन राज़ों को ! !

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