Suchata♡ 3 FEB 2021 AT 11:57 - Vandana Jangir 12 APR 2021 AT 8:31 बँध जाऊँ तेरे इश्क़ में, मगर गंगा की लहरों-सा तेरा इश्क़ है।। - Vandana Jangir 15 MAY 2021 AT 12:55 मुख्तसर-सी है,अब जिन्दगी। कहाँ शुरू और कहाँ खत्म। ।बहुत करीब से देखा था,मैंने...,कल मौत दरवाजें पर खड़ी थी।। - Vandana Jangir 13 MAY 2021 AT 9:13 होती होगी तुम्हारी पहचान घर के बाहर लगी उस नेमप्लेट से......,लेकिन मेरे घर की पहचान आज भी मेरे गाँव की मस्जिद से होती है।। - Vandana Jangir 18 MAY 2021 AT 12:14 "जरूरी नहीं कपड़े उतार कर ही बलात्कार होता है। शब्दों से भी बलात्कार किये जाते है।।" - Vandana Jangir 8 APR 2021 AT 21:56 फिल्म वालों ने काल्पनिक प्रेम कहानियाँ बनाकर प्रेम को वास्तविक बना दिया। शायरों और कवियों ने प्रेम को अधूरा और मुकम्मल कर दिया ।।बचे हम जैसे लोग जिन्होंने इश्क़ को कुछ ज्यादा ही गंभीर ले लिया। । - Vandana Jangir 27 MAY 2021 AT 9:15 मुझे कभी किसी से रूठना आया ही नहीं।हर बार बस यही बताया गया,कि तुम बहुत समझदार हो।। - Vandana Jangir 2 JUN 2021 AT 16:37 "मेरी लिखी हुई प्रेम कहानियों में लोग तुम्हें ढूँढेंगे। और जब तुम मेरी लिखी हुई प्रेम कहानियाँ पढ़ोगे,तो मुझे ढूँढोंगे।। - NYCTOPHILIA🌚 19 JUN 2020 AT 21:06 मौन.....जिसमें बाहरी कोलाहल की गहन पीड़ा औरअन्तर्मन की असीम शान्ति का विरोधाभासीसमन्वय रहता है ।।बहुत ही व्यापक है दायरा मौन का.....!!यह व्यंग्य और आक्षेप सेकई गुना अधिक चुभता है ।। - Vandana Jangir 30 MAY 2021 AT 17:10 एक वक्त ऐसा भी आता है,जब दरख़्तों से पत्तें अपने आप गिर जाते हैं।।कुछ लोग हमारी जिन्दगी में भी ऐसे ही होते हैं,आते हैं और चले जाते हैं।। -