पाया नही लेकिन एक डर है
तुम्हे खोने का,
कोशिश तो हम कर ही रहे हैं,
तेरे दिल के बाशिंदे होने का।
आगे फैसला तुम्हारा जो होगा,
ये तुमपर छोड़ते हैं।
बस वो खुदा इतनी ताक़त दे मुझे,
तेरे लिए हर फ़ैसले कबूल करने का।
मेरा क्या है,मैं तो हवा हूँ,
जिसे इज़ाज़त मिली है तुम्हे छूने का।
मुझे कुछ और नही बस अपना हक़ चाहिए,
तेरे दिल मे धड़कन बनकर,साँसों में खोने का।
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