आए हो अगर जिंदगी में, जख्मों से फिर मत डरना।
बेशक बुलंदियां हासिल होगी,बस मक्कारिया मत करना।।
कांटो पर भी चलना पड़ेगा, हर दरिया में उतरना पड़ेगा।
शोहरत पाने के खातिर हमको, संघर्ष तो करना पड़ेगा।।
मस्त सुहानी धूप भी होगी, सूखे फूल फिर से खेलेंगे।
सॉरी मिन्नते होंगी पूरी, सारे बिछड़े यार मिलेंगे।।
आंसू सारे सुख भी गए तो, समंदर से पानी भरना पड़ेगा।
शोहरत पाने के खातिर हमको, संघर्ष तो करना पड़ेगा।।
लोग तो आएंगे भड़काने, तुम अपना लहजा बरकरार रखना।
जितना हो दिल हर किसी का,तो जुबां में मिठास बेशुमार रखना।।
सूरतों की इज्जत बहुत है, हमको भी अब सँवरना पड़ेगा।
शोहरत पाने की खातिर हमको, संघर्ष तो करना पड़ेगा।।
कितनी हस्तियां गुजर गई, फिर भी उनके निशां बाकी है।
उड़ गई सारी सर्द रातें, बचा हुआ धुआं बाकी हैं।।
क्या खुल कर जीना है तुमको?,फिर तो हर रोज मरना पड़ेगा।
शोहरत पाने की खातिर हमको, संघर्ष तो करना पड़ेगा।।
—N@D€£M K #@N
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