QUOTES ON #HANSHUQUOTES

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3 AUG 2018 AT 19:18

बेटी हूं पापा मैं आपकी, बेटी ही मुझको रहने दो,
ना समझो अभिशाप मुझे, वरदान ही मुझको रहने दो,
आसमानों में उड़ने दो, हवाओं संग मुझको बहने दो,
कमजोरी नहीं, ताकत हूं आपकी, यूं कोख़ में ना मुझको मरने दो,
मेरी भी जिंदगी है, मेरे सपने हैं, मेरे सपनों में रंग मुझको भरने दो,
हौसला अफजाई करो मेरा, ना यूं बुरी नजर से मुझको डरने दो,
मैं भी भाई सा नाम कमाऊंगी, बाहर मुझको भी पढ़ने दो,
ये सोच समाज की छोटी है, यहीं बड़ा कुछ मुझको करने दो,
संघर्ष बड़ा अभिमानी है, बस मुश्किलों से मुझको लड़ने दो,
और भी मजबूत बन जाऊंगी, बस संघर्षों में मुझको पलने दो,
तूफ़ानों से लड़ जाऊंगी मैं, एक हूंकार तो मुझको भरने दो,
जग को बौना साबित कर दूंगी मैं, बस एक बार मुझको लड़ने दो,
सांसें बहुत मजबूत मेरी, सपनों की सीढ़ियां मुझको चढ़ने दो,
ये दुनिया भी याद करेगी मुझे, बस अकड़ कर मुझको चलने दो,
नेकी की राह पर चलूंगी सदा, बस एक कदम तो मुझको बढ़ने दो...

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28 NOV 2018 AT 15:43

ज़ज्बातों की आग को अपना ज़ुनून बना लो,
पल भर की राहत को ज़िंदगी का सुकून बना लो।
डटकर करो सदा सामना हर एक मुश्किल का,
सफलता के ख़्वाब पर जीत का सेहरा सजा लो।।

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21 NOV 2018 AT 22:20

दुनिया तो सिर्फ़ तमाशा देखती है,
मेरे जिस्म को आग समझ, हाथ सेकती है।
हर रोज, बढ़ाने को हौंसला भूख का,
कुछ सिक्के मुझ पर फेंकती है।।

मुझे राह चलती को, दुनिया टोकती है,
कभी बेहया तो कभी बदचलन बोलती है।
पहुँचती है हर शाम, मेरे कोठे पर,
फिर होकर निर्लज्ज़, मेरा जिस्म नोचती है।।

ये दुनिया, दिन में सराफ़त का चौला ओढ़ती है,
फिर शाम को मेरा रास्ता खोजती है।
फिर रातों रौंदती है अस्मत को मेरी,
और दिन में अपनी इज़्ज़त का सोचती है।।

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2 SEP 2018 AT 12:54

सुना है काँटों के बाग में कोई सुंदर कली खिली है,

बियाबान झाड़ियों में नन्हीं सी मासूम बच्ची मिली है।।

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15 DEC 2018 AT 10:09

जो है इंसान, तो अपनी इंसानियत को ज़िंदा रख।
बन थोड़ा रूहानी और रूहानियत को ज़िंदा रख।।

छोड चिंता कल की बस आज को खुल कर जी ले।
रह बेख़ौफ़, और अंदर अपने मस्तमौला परिंदा रख।।

यारी रख उनसे जो साथ ना छोड़े मुसीबत में भी तेरा।
फ़िर चाहे तू यार अपने हजार रख या चुनिंदा रख।।

क्यों बैठा है यूँ गुमसुम सा इस बेगानी सी दुनिया में।
हँसी-ख़ुशी से जी, और संग खुशियों का पुलिंदा रख।।

यहाँ रोज़ मिलेंगे मतलबी, अपना मतलब पूरा करने को।
जो रहना है ज़िंदा तो खुद में खुद को खुद से ज़िंदा रख।।

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12 NOV 2018 AT 4:39

वो साँसें बेचकर, अपनी ही साँसें खरीदने चला है।
क्या करता, वो आसमान की छत के नीचे जो पला है।।

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14 NOV 2018 AT 14:01

उनके चेहरे पर मुस्कान, और आँखों में चमक छा गई।

जब सर्द ठिठुरती शाम को, बदन पर उनके कम्बल आ गई।।

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23 DEC 2018 AT 23:24

जो अग़र सच में कोई मेरे देश की सच्ची शान है।
तो सिर्फ़ वो मेरे देश का फ़ौजी और किसान है।।
(Read Full In Caption...)

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11 DEC 2018 AT 13:01

खोया था कहीं, फिर निकला हूँ अपनी तलाश में।
इस खोई हुई हयात को फिर से पाने की आस में।।

कोई और ही है हमें ये ज़िन्दगी देने वाला, मेरा क्या है।
जी रहे थे अब तक हम तो, बस इसी अंधविश्वास में।।

किसी पर करूँ यकीन यहाँ, ऐसा कोई भी नहीं दिखता।
हजारों चेहरे छिपे हुए हैं यहाँ, सिर्फ़ एक ही लिबास में।।

जो ज़िन्दगी ने दिखाए ना होते पत्थर हमें ठोकरों में।
मुझ नादान को कहाँ था शक किसी के विश्वास में।।

खैर, खाकर ठोकरें दर-दर की, अक्ल तो आई हमें।
नहीं तो यूँ ही भटकते रहते हम,धरती से आकाश में।।

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1 NOV 2018 AT 9:54

आओ, चलो संग मेरे, तुम्हें मैं ले चलूँ कहीं।
जहाँ खिले, लबों पर मुस्कान तुम्हारे, मेरी हर मंजिल है वहीं।।

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