जब किसी के साथ नहीं खुल पाती तो भयानक रूप ले लेती हैं। जो कि ना तो दिमाग़ के लिये सही है, और ना ही दिल के लिये। इसलिए कोशिश करो कि अपने मन की गिरह को दूर कर सको और अपने अंदर चल रहे गिरह नाम कि हलचल को शान्त कर सको। नहीं तो ये एक भयानक हादसा बन जाती हैं,जो हमे हसना, बोलना,रोना यहाँ तक कि ज़िंदगी जीना तक भुला देती हैं।
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