QUOTES ON #GUM

#gum quotes

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17 APR AT 15:27

ये कैसी दलदल में डालकर गयी हो तुम,
मैं धंस चुका हूँ इसमें सांसे हो रही गुम।

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16 APR AT 6:14

कुछ रह गया जो सोचा था, तो हमारी तरह तुम भी गम मत किया करो।

मेरी मानो दोस्त, छोटी छोटी बातों में खुश होने का दम लेके जिया करो।


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16 APR AT 0:38

के हादसों में गुजर गयी जिंदगी मेरी,
मैं कभी सुकून से जी नहीं पाया।
परेशान करती रही मुझे हर छोटी बात,
मैं ग़म-ए-हिज्र का जहर घूँट-घूँटकर पी नहीं पाया।

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12 APR AT 23:25


आंसुओं से मेरा रिश्ता पुराना है
इनका तो खुशी और गम दोनों में ठीकाना है
फिसल जातें है यूहीं हर बार
कपोलों से इनका कुछ अलग ही याराना हैं

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6 APR AT 0:00

Kaun kehta hai ki hum tabaah nahi hai,
Bass meri barbaadi ka koi gawaah nhi hai,
Sb dekhte to hai mughe muskuraate huye,
Lekin muskuraate huye chehre ke puchee kitne gumm chupee hai kisiko pata nhi hai.

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30 MAR AT 22:56

Tum pass ho to gum ki kya gunjaish hai..
Tumhe dekhta rhun sari umra bs itni si khwahish hai..

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मेरे हर पल तेरे इश्क के कर्जदार हैं,..
इस जिंदगी से कहीं बढ़कर तुम्हारा प्यार है,,...
जिन हालातों में बिछड़ा हूं मैं तुमसे, ...
उसमे मेरी बदकिस्मती का आभार है।

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28 MAR AT 8:14

वक़्त बदल जाता है
लोग बदल जाते हैं
एक खुदा के अलावा
कोई पाक दिल नहीं होता
वादे तोड़ दिये जाते है
उम्मीद टूट जाती है
लोग छूट जाते हैं
बेवजह जीवन का बस
गुज़ारा हो जाता है

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28 MAR AT 6:09

मैं नेकी की राह पे, चलता चला गया।
मुकद्दर की स्याही, मलता चला गया।

मैने जिन्दगी से कभी, कुछ नहीं मांगा,
जो मिला, मैं उसमें, ढलता चला गया।

मेरे खातिर क्यूं यहां, कोई भला बदले,
सबके लिये मैं ही, बदलता चला गया।

आइने पर मैनें, भरोसा क्या कर लिया,
मेरा अक्स मुझे ही, छलता चला गया।

इस तरह निकला, दिल का मेरे गुबार,
दूर तक खुद को, कुचलता चला गया।

खुद ही मैं अपनी, सांसो की तपिश से,
मोम की माफिक, पिघलता चला गया ।

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27 MAR AT 11:16

बहुत कुछ पाया है बहुत कुछ खोने के बाद
आज फिर हसीं आई है मुद्दतों रोने के बाद

दर्द जाहिर जो किया उसके सामने अपना
वो भी चीख चीख कर रोया है मेरे रोने के बाद

अब नींद भी कैसे आती तुम ही बताओ यारो
वो किसी के साथ सोया होगा मेरे सोने के बाद

बस इसी वहम ने मेरे दिल को काट खाया है के
वो किसी और का कैसे हो सकता है मेरा होने के बाद

बचपन और जवानी का फर्क बस इतना ही समझ आया है मुझे
आदमी सीधा जज्बातों से खेलता है खिलौनों के बाद

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