QUOTES ON #GAJAL

#gajal quotes

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दिल मे अपने मोहब्बत को उसकी मैं इस कदर रखता हूं
उसकी नफरतों पर भी गजल लिखने का हुनर रखता हूं__

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3 JUN 2020 AT 18:26

मुसीबतों में कोई किसी का नहीं होता
जिसको हम अपना समझते हैं वहीं अपना नहीं होता

पर मैं सोचता हूं कभी कभी की क्या होता
अगर मां का पल्लू और पिता का साया नहीं होता

ना किसी को फिक्र होती ना ही कोई हमदर्द होता
फिर ये सत्यम जैसा हैं अभी वैसा नहीं होता

ज़िन्दगी में हर चीज पैसा नहीं होता
प्यार जिससे हम चाहते वो प्यार ही नहीं होता

और घर जैसा प्यार और कहीं भी नहीं होता
पर हमको उस प्यार का कदर नहीं होता

क्या करोगे ऐसी मोहब्बत पाकर जिसमें
तुम्हारा चैन और सुकून ही नहीं होता

और उस इंसान का को खुदा समझ लेते हैं हम
जो बस एक वक़्त हैं कुछ पल बाद हमारा नहीं होता

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25 JUL 2021 AT 20:45

मेरे दर्द ए इश्क़ की यह इन्तहा आख़री है

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25 JUL 2021 AT 20:14

अब तलक अपनी सारी ग़ज़लों में जिक्र तेरा ही कर रहा हूँ
यकीन ना हो तो देख ले आख़री वक्त में भी तुझे ही याद कर रहा हूँ

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14 AUG 2021 AT 16:48

तुम मुझे कभी और कंही दोबारा मिलना,
शुरू से.........

वहां,
जंहा तुम्हे कोई याद ना हो दिल टूटने की,
ना मेरी समझ में इश्क़ अधूरा हो।

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17 AUG 2021 AT 22:10

क्या होता है दर्द-ए-दिल..तुम इक पल में जान जाओगे
पढ़कर देखो मेरी ग़ज़लें..तुम गुलज़ार को भूल जाओगे

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29 JUL 2021 AT 14:04

कभी शामों में लौटकर,वो आना भूल जाता हैं।
करके खफ़ा मुझे,वो मनाना भूल जाता है।

इन्हीं आदतों ने उसकी,मुझे बदनाम कर डाला।
वो लिखकर नाम दीवारों पर,मिटाना भूल जाता है,

और मत पूछ मोहब्बत में लापरवाही उसकी,
वो देकर ज़ख्म,महरम लगाना भूल जाता हैं।

कुछ यूं दिलनशी होता हैं उसके याद का मंजर,
वो जब याद आता है, जमाना भूल जाता हैं।।

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15 MAR 2021 AT 9:18

जवानी में कई ग़ज़ले अधूरी छूट जाती हैं,
कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल मे, टूट जाती हैं।

जुदाई में तो तुमसे मुक़म्मल बात होती है,
मुलाक़ातों में सब बातें, अधूरी छूट जाती हैं।।

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22 JUN 2021 AT 9:33

कोई शेऱ सुनाऊँ शायर का या ग़ज़ल सुना दूँ गुलज़ार की
अगर हो इजाज़त तेरी तो आज मैं वो बात बता दूँ राज़ की

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11 JUL 2020 AT 13:07

साँझ हो तुम, रात हो
भोर की तुम धूप हो,

भस्म हो तुम, आग हो
कृष्ण का तुम रूप हो,

अंग हो तुम, प्यास हो
आब का तुम कूप हो,

रैन हो तुम, रश्मि हो
रति का तुम स्तूप हो,

देख लेते तुम अँधेरा
तुम तो दक्ष ऊलूक हो॥

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