महकती हूँ, चहकती हूँ गुनगुनाती भी हूँ,
अपनी धुन में बहती हुई नदी हूँ मैं हाँ हँसी हूँ मैं......
हक़ीक़त हूँ वहम हूँ ख़्वाब हूँ, भरम हूँ,
खुद में ज़रा सी उलझी पहेली हूँ मैं हाँ हँसी हूँ मैं.....
चमकती हूँ दमकती हूँ दहकती भी हूँ
नूर-ए-ख़ुदा हूँ, उजली रोशनी हूँ मैं हाँ हँसी हूँ मैं.......
सजती हूँ संवरती हूँ निखरती भी हूँ
कोई रूप दमकता सा, संदली हूँ मैं हाँ हँसी हूँ मैं......
लड़ती हूँ झगड़ती हूँ टूटती नहीं कभी
कांटो में खिलती फूल की कली हूँ मैं हाँ हँसी हूँ मैं......
मीठी हूँ, चटपटी हूँ, थोड़ा कड़वी भी हू
फ़िज़ा में घुली जैसे कोई चाशनी हूँ मै हाँ हँसी हुँ मै..
इश्क़ हूँ मुहब्बत हूँ दिल्लगी भी मैं ही हूँ
ऐहतराम-ए-अदब हूँ, बन्दगी हूँ मैं हाँ हँसी हूँ मैं...
इबादत हूँ, दुआ हूँ, सज़दा भी मैं ही हूँ,
फ़लक़ से उतरी, मानो कोई परी हूँ मैं हाँ हँसी हूँ मैं..
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