"कुछ तो खास है, इन हसीन से लम्हों में।
बेसुध सा रहता है, एक हसीन सा चेहरा।।
बेवजह क्यों धड़कता है, वह दिल का एक कोना।
खामोश निगाहों को पढ़ना हमें आता है।।
यह तो एक जिंदादिल है।
जिसकी खासियत लाखों दिलों की धड़कन है।।
खैर यह तो जिंदगी है, कहीं इस पार तो कहीं उस पार।
हर लम्हा साजो के रखने की आदत सी हो चली है।।
आहिस्ता आहिस्ता दिल धड़कता है।
कहीं गुम सा रहता है, अंजाम से रास्तों पर।।
हां खैर यह तो जिंदगी है।
कहीं इस पर तो कहीं उस पार।।
✍️By Vivek...
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