करूँ किस्सा तमाम और तबाह हो जाऊँ
दिल दे रहा इज़ाज़त के फनाह हो जाऊँ
कोई समझता क्यों नही हसरत को यहाँ
बेहतर रहेगा ख़ुद के लिए सज़ा हो जाऊँ
दूर होते हुये लोग कहते हैं ख़ुश रहना
दिल में आता है दर्द की इन्तहा हो जाऊँ
उम्र-तमाम के लिए लग जाये दामन से
सोचा था, तेरा ऐसा एक गुनहा हो जाऊँ
बहुत है मेरे लिए के मुझे तुम जानते हो
लोगो की हसरत थी गुमशुदा हो जाऊँ
हर कोई यहाँ हर चीज में बजह ढूंढता है
मेरी ये ख़्वाहिश है बस बेबजह हो जाऊँ
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