कोई भूल जाता हैं तो, कई भुला दिए जाते हैं।
कितनी भी गहरी लिखावट हो,सब मिटा दिए जाते हैं।।
इसीलिए मैं अब तक, पहली सफ़ में नहीं बैठा।
अमीर-ए-शहर के आने पर,हम उठा दिए जाते हैं।।
खबर ये थी कि बादशाह ही चोर है यहाँ।
खबर आने से पहले,अख़बार जला दिए जाते हैं।।
मेरे मुल्क़ में जब भी, किसी पर ज़ुल्म होता हैं।
मशालें ऊपर उठती हैं, चिराग बुझा दिए जाते हैं।।
जो एहसान करते हैं हम पर, उन्हें बहुत शुक्रिया "नदीम"!
लेकिन वक़्त आने पर,सब एहसान जता दिए जाते हैं।।
—N@D€£M K #@N
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