QUOTES ON #DUNIYA

#duniya quotes

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16 HOURS AGO

मेरे हृदय में तुम्हारे लिए जो अनुरक्ति है उसकी गवाह बनेगी अब ये दुनिया।

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YESTERDAY AT 14:07

जिंदगी बहुत छोटी है ,
चलते-चलते दुनिया देख ही रहे थें||
की , आज पता चला ,
हम तो दुनियादारी भी सीख गए ||🫂

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18 APR AT 17:25

ये जो शक्कर जैसे मीठे लोग हा ना
ये डंक भी तो तातिये जैसा मारा

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18 APR AT 7:36

किसी ने मुझसे पूछ लिया की दुनिया का अंत क्या है?
मैने हंसकर कहा कि सांसों का अंत ही दुनिया का अंत है।।

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17 APR AT 0:21

छुपा लिया र्दद को मुस्कान के परदे के पिछे,
की कही कोइ झाॅक न परता,
हमे क्या पता था की र्फक किसी को ख़ाक नही परता।

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16 APR AT 21:07

Papa to pyar se gudiya kahte the
Duniya ne to khilona hi samajh liya

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16 APR AT 18:15

किससे भागते फिरते हो तुम, अपने अंदर के भगवान का क्या?
दुनिया से लाख झूठ बोल लोगे तुम, पर अपने ईमान का क्या?

अगर कोई और कुछ नहीं भी देखता है तो क्या हुआ मेरे दोस्त।
तुम्हारी अंतरात्मा तुम्हारे ज़मीर और तुम्हारे गिरेबान का क्या?

बाहर की बहारों को नोच खाया तुमने बेखौफ़ होकर के मुर्शद।
कुछ सालों के बाद जो खिलेगी उस कमसिन बागबान का क्या?

वो कहते हैं कि एक मयान में दो तलवार नहीं रह सकते हैं।
पर एक आत्मा के दो हिस्से वाले जिस्म रूपी मयान का क्या?

मरोड़ कर नेस्ता नाबूत तो कर दिया तुमने उस पौधे को।
पर सोचो उससे जो मिल सकत था उस सागवान का क्या?

लोग अक्सर पूछते रहते हैं कि तन्हा क्यूँ रहता हूँ मैं आजकल।
उन्हें कोई बताए दोस्त अपने साथ रखते हैं उस कृपाण का क्या?

सारा जीवन सबकी मेजबानी करते हुए बीत गया मेरा यूँही।
उसके घर जाकर जिसकी बेइज्जती हुई उस मेहमान का क्या?

जब ख़ुद पर आती हैं तो कहते हो कि हमारे में दहेज नहीं देते।
जो तुम्हारे घर आएगी सब छोड़ उस कन्या के कन्यादान का क्या?

तुमसे कोई ऊँची आवाज़ में बात करें तो आग बबूला हो जाते हो।
उसको जो अपशब्द कहे है तुमने उसके आत्मसम्मान का क्या?

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16 APR AT 13:50

जब घर में नही मिलता तब
इंसान बाहर तलाश करता है
पैसा,इज्जत,खाना और प्यार....

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16 APR AT 12:45

सबके आगे माशुम बनने वाला
सच मे माशुम नहीं होता...

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16 APR AT 10:46

ਹੱਡ ਬੀਤੀਆਂ ਭੁੱਲਦੀਆਂ ਕਿੱਥੇ
ਖੋਰੇ ਅੰਦਰ ਖੂਹ ਜੋ ਏ ਨਾਂ
ਤੇਰੇ ਸ਼ਹਿਰ ਪੱਥਰ ਦਿਲ ਨੇ
ਨਾਂ ਕੋਈ ਪੈਂਦੀ ਜੂ ਜੋ ਏ ਨਾਂ
ਮੰਨ ਸੜ੍ਹ ਕੇ ਸਵਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ
ਤੇਰੀਆਂ ਗੱਲਾ ਲੂ ਜੋ ਏ ਨਾਂ
ਬੰਦਾ ਖੁੱਲ ਕੇ ਜੀਲੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ
ਪਰ ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਮੂੰਹ ਜੋ ਏ ਨਾ
ਤੈਨੂੰ ਲੱਗਦਾ ਮੈਂ ਖੁਸ਼ਨਸੀਬ ਹਾਂ
ਫਿਰ ਤੇਰਾ ਫਿਟੇ ਮੂ ਜੋ ਏ ਨਾਂ
ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਸੱਚੀ ਭੁੱਲ ਜਾਣਾ ਸੀ
ਸੱਚੀ ਮੁੱਚੀ
ਪਰ ਮੇਰੇ ਵਿੱਚ ਰੂਹ ਜੋ ਏ ਨਾਂ ??

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