आज एक दूसरे से जुदा हुए हमें एक साल हो गए,
सुना है अब तुम किसी अजनबी के हमसाए हो गए...😪
ख़ैर,
मेरी हर नमाज़ के बाद उठे मेरे हाथ,
मेरे अपनों पर रहमतों का अंबार मांगता है...
अब मेरे ख़ामोश लब नाम-ए-ज़िक्र नहीं करते तुम्हारा,
पर आज भी मेरी हर दुआ में ये दिल बहुत ख़ामोशी से तुम्हारी खुशियां तमाम मांगता है...।।।
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