तू दोस्त था मेरा,
पर तुझे, दोस्त से बढ़के समझने लगी..
धीरे - धीरे ये दोस्ती,
मोहब्बत बनने लगी।
कुछ कहा नहीं हमने,
पर.. धड़कनें सुनने लगीं...
रातों में सोने की बजाय,
मैं सपने बुनने लगी।
जब सपने हकी़कत बने,
तो मैं उड़ने लगी...
मानो.. नन्हे पक्षी के परों में,
जान भरने लगी।
हर पल, हर लम्हा,
मैं महकने लगी...
तेरी बाहों के साय में,
मैं और निखरने लगी।
हमारी दास्ता़न-ए-मोहब्बत,
सरे-आम छपने लगी...
तेरे इश्क़ में..एक आम सी लड़की,
ज़रा खास बनने लगी।।
💖💖
-