कर्त्य जो किया वो किया नहीं करते, दर्द ख़ुद को कभी यूँ दिया नहीं करते। माना तकलीफ़ लाखों होंगी जीवन में, पर यूँ ख़ुद पर ज़ुल्म किया नहीं करते। अकेले तुम नहीं हो ये बात समझ लो, साथ हूँ तो हालातों से डरा नहीं करते।
यक़ीन तो रख थोड़ा मुझ पर, टूटा दिल भी तेरा जोड़ दूंगा। माना ज़ख्म हरा है अभी तेरा, वादा है मरहम से उसे भर दूंगा। तोहफे में नहीं चाइए दिल तेरा अपना दिल ही तुम्हे सोंप दूंगा।
छोड़ चुकी है वो जो उम्मीद, उस उम्मीद को ज़िंदा करना है। पाले हैं जो उसने कुछ ख्वाब, उन ख्वाबों को पूरा करना है। हौंसलें हैं उड़ान भरने के उसमें, बस पंखों को लगना बाकी है।