बहुत कुछ है बताने को ऐ मेरे हमदम,
तुम अब इस शहर में आते ही नहीं हो.
जब बारिशें पानी बरसाती है,
तुम बिजलियाॅं गिराते ही नहीं हो.
अब नहीं छाती काली घटाएं यहां पर,
तुम छत पर बाल सुखाते ही नहीं हो.
एक जमाने से शहर अमावस की तरह पड़ा है,
बहुत चिठ्ठियां लिखीं तुम्हें पर तुम आते नहीं हो.
पता है मैं कॉलेज में जाने लगा हूं,
ना चाहते हुए भी दोस्त बनाने लगा हूं.
पर सबके साथ में होकर भी अकेला हो जाता हूं,
जब भी तेरा जिक्र आता है तो तेरे ख्याल में खो जाता हूं.
मैंने दोस्तों को बताया तो बहुत कुछ है तुम्हारे बारे में,
मिलने की जिद करते हैं तो बहाने बना दिया करता हूं.
💔💔💔Come Back My Love 💔💔💔
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