ख़ुद पर यक़ीन रखना,
जब घर से बाहर कदम रखना,
कई लोग मिलेंगे राहों में,
आसान न होगा मंज़िल तक पहुँचना!
कुछ तो काँटें भी मिलेंगे,
कुछ बिछाए जाएँगे तुम्हारे लिए,
कोई साथ खड़ा होगा सँभालने के लिए,
कोई खड़ा होगा गिराने के लिए!
लोगों का चुनाव तुम्हें करना है,
ख़ुद को न कम किसी से समझना है,
चेहरे की मासूमियत में जा न निर्णय लेना,
जाँच परख कर चयन करना!
बातों में न किसी की फँसना,
न जाने कौन कब लुटेरा बन लूट जाए तुम्हें,
बाद हाथ मलते रह जाओगे,
बस ख़ुद पर यक़ीन कर आगे तुम बढ़ते रहना!
अदिति रूसिया
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