QUOTES ON #CHARAN

#charan quotes

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8 APR 2018 AT 19:30

(1)
क्या कोई ऐसी भी होगी
जो मेरा चैन चुराए ,नींद उड़ाए
पकड़ के हाथ मेरा साथ ले जाए
दुनिया के हसीन मंजर दिखाए
कुछ नया अनुभव/ एहसास कराए
बन कर मेरी मुझ में ही सिमट जाए
मेरे लिए सारे जहां से लड़ जाए 😍

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19 MAY 2018 AT 21:43

मैं भी चलता हूँ
तुम भी चल दो मेरी ओर
मिल ही जायेगी राह में कही तो ढोर
नहीं होगा वहाँ अफ़वाहों का शोर
जहाँ होगें हम दोनो...
नहीं चलेगा किसी और का हम पर जोर !

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17 APR 2018 AT 14:07

दुराचारीयों का ही बोल बाला है
हम जैसों को भला कब प्यार ने सम्भाला है
हम तो जीते हैं सादा जीवन,संग लिए उच्च विचार
फिर भी हो रहे हैं, अपने आप से दो चार.....

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13 MAY 2018 AT 17:26

Don't hurt that one person who stand with you
and care your feelings

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11 MAY 2018 AT 7:31

मंजिल दुर खड़ी कर रही इंतजार ,
हम भी करेंगे एतबार ,
जब मिलेगी सफलता का घूंघट ओढ़े बार बार !

पता नहीं उसे किस बात की जल्दी है ,
बार बार कहीं और चलती है !
एक बार चल दो तुम मेरी ओर ,
भटकने नहीं दूँगा तुझे फिर कही और !

बना कर पर्याय मेरा ,
दूँगा नाम तुझे कोई और ,
हर तरफ होगा यही एक शौर ,
मंजिल ने पाया है आज नाम कोई और ....


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18 MAR 2018 AT 6:33

You deserve a life full of happiness and positivity.....
Do Hard work👍

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29 JUN 2018 AT 18:01

( 1 )
अदना सा बालक नहीं, नादान परिंदा हूँ
नीले आसमान में सबसे ऊपर उड़ने का इच्छुक,अपने आप में पेचीदा हूँ

सुन लो मुझे मैं भी वक्ता हूँ
भावी पीढ़ी का प्रवक्ता हूँ

अपनी गाथा अपने मुख से बतलाता हूँ

20 वीं सदी का अन्न्तिम फल हूँ
21 वीं सदी का खिलता कमल हूँ
मेरा इतना प्रकोप था सबसे ज्यादा 20वीं सदी को खौफ था
मेरे आने के कुछ ही सालों बाद चली गई
21वीं सदी के लिए छोड़ मुझे, कैलेंडर में जा बस गई

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5 APR 2018 AT 19:36

मेरा प्यारा गाँव देशनोक
(1)

जीत लिखूं या हार लिखूं ?
या तुझसे मिला प्यार लिखूं ?
दूर होने का दर्द लिखूं ?
या मंजिल की और बढते कदमों पर गर्व लिखूं !!

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26 JUL 2018 AT 16:51

एक नादान परिंदा जो सपनों को हकीकत करने चला था
भीड़ से अलग चल कुछ बनने कुछ बदलने चला था
राह में होनी ही थी मुश्किलें क्योंकि अपनों से दूर जो हो चला था
असफलताओं से मायुस हो जब घर की ओर चला था
शायद कहीं किसी मोड़ पे अपने से पाई होगी प्रेरणा
जो फिर से सपनों को जीने चला था

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11 MAY 2018 AT 12:25

माँ की नम आँखों से
पापा की चुप्पी से
अपने बड़बोल शब्द से
बढ़ रहे कद से..
अपनों से दूर करने वाली कामयाबी से
बहुत डर लगता है !

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