ताबीज़ या धागा बताओ किसे बाँधने से मिलेगा भगवान? चादर या मुकूट क्या चढ़ाओगे चाहिए उसे क्या सामान? मूर्ति या मज़ार कहो करें हम किसका सम्मान? भागते हो ख़ुदा पाने को पीछे छूट गया इंसान।
ये कैसा लीला हैं तेरा भगवान किसी को सब कुछ दे दिया और किसी को कुछ भी नहीं ये तेरा कैसा इंसाफ हैं यहाँ कोई दोस्त कृष्ण नहीं यहाँ कोई बेटा सरवन कुमार नहीं यहाँ कोई राजा हरीचंद् नहीं