मैं परिंदा बेपरवाह, मुझे कैद नहीं कर पाओगे,
मैं हूँ औरों से जुदा, मेरे जैसे नहीं बन पाओगे
लाख कर लो वादे इरादे, वक्त पर मुकर जाओगे,
जन्मों की बात तो दूर, चार दिन नहीं टिक पाओगे
कद्र करता फिक्र करता तेरी,ये नहीं समझ पाओगे,
सच की बात ना ही करो,झूट भी नहीं निभा पाओगे
खुद को कर भी दूँ तेरे हवाले, संभाल नहीं पाओगे,
पर जब इश्क़ है ही नहीं, प्यार फिर कैसे जताओगे
कि मैं परिंदा बेपरवाह, मुझे कैद नहीं कर पाओगे।।
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