हम उनपर जान लुटा रहे थे..
और वो हमसे जान छुड़ा रहे थे ,
हम तो उनके पीछे लग रहे थे ,
और वो हमसे पीछा छुड़ा रहे थे ,
हम उन्हें मनाते रहे समझा रहे थे ,
और वो महज बेरुखी दिखा रहे थे ,
हम उन्हें वादो का भरोसा दे रहे थे ,
और वो हमें झूठा बोले जा रहे थे ,
हम उन्हें अपना सुकुन बोल रहे थे ,
और वो हमें उबाऊ बोले जा रहे थे ,
हम उनसे नजदीकियाँ मांग रहे थे ,
और वो महज फ़ासलें चाह रहे थे..!!!!
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