बेखौफ सा परिंदा इस बार हो गया हूं,
मै अब जिंदा फिर एक बार हो गया हूं।
आजाद हूं में अब मेरे आसमान मै देखो,
जमीं पर भी में अब मै आजाद हो गया हूं
डर वो अब लड़खड़ाने का है नहीं,
लड़खड़ाकर गिर जाने का है नहीं,
की खुद की ढाल और तलवार हो गया हूं,
बेखौफ सा परिंदा इस बार हो गया हूं।
अपनी मस्ती में फरार रहता हू,
ज़िन्दगी पर जारो जार रहता हूं,
की सब से अब होशीयार हो गया हूं,
बेकोफ सा परिंदा इस बार हो गया हूं।
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