बचपन एक हसींन एहसास,
और हरकतों का भंडार.
छोटी -छोटी बातो पर खुश हो जाना,
और दाँत दिखा कर हसना.
ना पढाई की चिंता ,
ना भविष्य की कोई फ़िक्र.
बस शाम का रहता इंतज़ार,
और बाहर खेलने जाने को बेकरार.
घर में मेहमानो के आने का इंतजार,
और जाते वक़्त उनसे पैसे लेने का ख़्वाब.
दोस्तों के घऱ जन्मदिन में जाना,
और केक पर लगे फूल को पाना.
बिन बताए घऱ से बाहर खेलने जाना,
और घऱ आकर माँ से डॉट खाना.
बचपन एक हसींन एहसास,
और खुशियों का भंडार.
Surbhi ✍
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