दुनिया में तुझे मज़बूत दीवार-सा, ना तेरे बाबा-सा कोई सहारा है।
बस कदम तू आगे बढ़ाए जा, पीछे से बाबा के हाथ का सहारा है।।
सिर पर उनके छत होने से ज़्यादा, तेरा पढ़ना उनको ज़रूरी है।
ख़ुद आधी खाने से पहले उन्होंने, तेरी एक रोटी का विचारा है।।
जब-जब दुनिया ने तुझे दर्द दिया, बस बाबा ने तुझे पुचकारा है।
तेरी आँख के आँसू को कोई, ना बाबा के हाथ-सा किनारा है।।
जब-जब दुनिया ने गिराया तो, तुझे बाबा ने फिर खड़ा किया।
चाहे सबकी नज़र में धूल ही है तू, मग़र तेरे बाबा का सितारा है।।
सारी मुश्किलें सिर पर रख, बस हौसलों के दम पर वो चलते हैं।
तेरी एक ख़ुशी की खातिर, बाबा ने सब कुछ अपना निसारा है।।
सपने वो अपने चाहे जी ना सके, बस तुझे देखकर ही जीते हैं।
अपने हर अरमाँ को उन्होंने, बस तेरी खुशियों में ही निहारा है।।
जीने की हर उम्मीद भी तू है, उनके जीने की हर वज़ह भी तू है।
अपने सारे जीवन को उन्होंने, बस तेरी ख़्वाहिशों में ही गुज़ारा है।।
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