QUOTES ON #AWAYFROMHOME

#awayfromhome quotes

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29 SEP 2018 AT 19:24

घर से निकले हैं पढ़ने को
जीवन के पथ पर बढ़ने को
कदम है अगला आज बढ़ाया
एक रोज शिखर पर चढ़ने को

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10 MAY 2020 AT 13:28

"AMMA",
Teri woo god ki bht yaad aati hai,
Tere woo pyaar ko dil tarasta hai,
Tere paas aane ko dil tarapta hai,
Tere haathon se khane ko maan krta hai,
Tere paas aa k duniya yaad nahi rahta hai,
Tere aanchal me phir se chupne ko maan krta hai,
Tere gale lag k tujhko batana hai, papa se zyda acchi tu hai,
Teri khushi k liye duniya se ladne ko maan krta hai,
Tujhse juda ho k sab viraan saa lagta hai,
Teri god se shuru hui zindagi, tere hi god me khatam krna hai,
Tujhse ye sab bata nahi sakta, kyuki tu durr hai...
HAPPY MOTHER'S DAY!!!!

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11 OCT 2019 AT 0:31

Home has to realise
that there is always
a second of it that
we often visit.

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2 JUN 2021 AT 13:15

Away from home

I am a vagrant wandering,
searching for a home.
My hands tremble with fear of losing,
what was never their own.
Seeking some meaning out of,
much futile of a life.
yearning for a dear comrade,
a heart to confide.


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28 AUG 2019 AT 0:46

वो घर,
जहां समोसे जलेबी सीधे दुकान पर खड़े हो कर नहीं खाया करते थे..

"घर पर सब हैं.. घर ले जा कर खाएंगे" के ख्याल से ये सब घर पर ही bulk में आया करते थे..

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28 SEP 2016 AT 19:40

परदेस में काले तन से ज़्यादा काले मन की पहचान होनी चाहिए

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29 SEP 2018 AT 18:19

There are times I refrain from picking up calls... and there are times when I wish to receive a call.♥️

//Awayfromhome//

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10 MAY 2020 AT 11:00

अनायाश ही मेरी खुशी की वजह बन जाती हो
माँ,कसम से दूर होकर तुम बहुत याद आती हो.!!

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13 NOV 2020 AT 13:21

परिवार बिना दीवाली जैसे
दोस्तो बिना गाली,
क्या करे हम भी मजबूर है
क्यों कि दिवाली नज़दीक है
और हम घर से दूर है।
क्या करे हम मजबूर हैं।

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19 SEP 2019 AT 16:58

अचानक बरसणार्या पावसाच्या रिमझिम सरी
बाहेर दाटलेलं काळकुट्ट ढगाळ आभाळ
खोलीमधला तो खायला उठणारा अंधार
खिडकीतून मग दिलासा देणारा मंद उजेड...

हा पाऊस मनाला एक कोडंच घालतो
घराकडच्या आठवणींने मनाला चिंब भिजवतो
मन त्या आठवणींमधे पुरं न्हाऊन निघतं
वातावरणातला गारवा मनाला उब देऊन जातो...

आठवतात मग ते लहानपणीचे जुने दिवस
भिजून आल्यावर आईचा खाल्लेला ओरडा
तिचं ते आपल्यावर ओरडणं;तात्पुरतं चिडणं
नंतर काळजी करत जवळ घेऊन गोंजारणं...

या मायेला;आईच्या प्रेमाला तोडच नसतो
त्या प्रेमळ आठवणी पाऊस ताज्या करतो
घरापासून दूर असलो तरी मन तिकडं वळतचं
जोडलेल्या नाळेची आठवण पाऊस करून देतो...

तो ही जमिनीला भेटण्यासाठीच तर बरसतो
मातीशी असलेली त्याचीही नाळ तो जपतोच
आईच्या प्रेमासारखंच; कधी खूप खूप बरसतो
तर कधी एका भेटीसाठी आतुर व्ह्ययला लावतो..!!

-ऋतू...







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