जाने कब मैं शायर बन गया ,
शायरी का सप्लायर बन गया ,
आशिकों का अफेयर बन गया ,
टूटे दिलों का केयर बन गया ,
जाने कब उनकी जिंदगी चलाने वाला टायर बन गया ,
आउट हुए प्लेयरों का एम्पायर बन गया ,
बेरोजगारों का कैरियर बन गया ,
उनकी जिंदगी और मौत के बीच का बैरियर बन गया ,
जाने कब उनकी आशाओं का ग्लेशियर बन गया ,
उनके आशुओं के बांधों का इंजिनियर बन गया ,
आत्मा को आत्मा से जोड़ने वाली वायर बन गया ,
बदले की भावना को जलाने वाली फायर बन गया ,
जाने कब गम भुलाने वाली बीयर बन गया ,
उनकी गाड़ी को न रुकने दे वो गियर बन गया ,
और
जाने कब मैं अपनी कलम का डियर बन गया ।
जाने कब मैं शायर बन गया...... ।।
ऋतेष शर्मा
(एक गुमनाम शायर)
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